Category Poetry

एक सच्ची बात बताऊं तुम्हें पाखंडी सिर्फ और सिर्फ एक पाखंडी होता है – Ranjan Kumar

एक सच्ची बात बताऊं तुम्हें, पाखंडी सिर्फ और सिर्फ एक पाखंडी होता है…! न इससे एक अक्षर कम न ही एक अक्षर भी ज्यादा ..! न वह सच्चा होता है न ही वह झूठा होता है… मक्कारी से भरा हुआ,…

ये दौर और सत्य – रंजन कुमार

diary cup

ये दौर और सत्य बस सच की तलब थी, न्याय मेरी आंखों में बोलता था, और रोना नहीं आया कभी, तो मैं यूँ ही उनके द्वारा एक खिलौना बना लिया गया ! वो रोने का हुनर जानता है और साथ…