धृतराष्ट्रों को नपुंसक बना दीजिए,दुर्योधन और दुशासन पैदा ही नहीं होंगे

धृतराष्ट्रों को नपुंसक बना दीजिए,दुर्योधन और दुशासन पैदा ही नहीं होंगे

हर बार द्रौपदी के ही वस्त्रनहीं खींचे जाएंगे भरी सभा…

एक खुला प्रेमपत्र…तसव्वर में हद के पार अनहदों की एक गूंज… गूंज की फिर अनुगूंज

एक खुला प्रेमपत्र…तसव्वर में हद के पार अनहदों की एक गूंज… गूंज की फिर अनुगूंज

जब वेलेंटाइन वीक खत्म हो गया लोगों का तब अपने…

तुम मेरी प्यास बुझाने के लिए तृप्ति की बूंदें बन के मिलना मुझसे, बार बार हरबार हजारों बार

तुम मेरी प्यास बुझाने के लिए तृप्ति की बूंदें बन के मिलना मुझसे, बार बार हरबार हजारों बार

तुम मेरी प्यास बुझाने के लिएतृप्ति की बूंदें बन के…