बढ़ता जाता है जितना ही यह अँधियारा – Hindi Poetry

बढ़ता जाता हैजितना ही यह अँधियारा,सपने प…
बढ़ता जाता हैजितना ही यह अँधियारा,सपने प…
दिल मे आता है पूछ लूंइन उदास आँखों मेतै…
दो पूरक आयामों में विरोधाभास नहीं होते,…
मेरे घर के बाहर की क्यारी में एक अमरुद …
उलझन भरी राहों पर चलते चलते एकाएक जो मु…
साथी!तुम बांध सकोगे ?किसी बन्धन में मुझ…